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कैसे चुने बच्चों के लिए सबसे बेहतर साबुन (How to Choose Soap for Baby)

#How to Choose Soap for Baby

शिशु की देखभाल और स्वास्थ्य में साबुन का चयन एक महत्वपूर्ण फैसला होता है, क्योंकि इसका सीधा प्रभाव उनकी त्वचा के स्वास्थ्य पर पड़ता है। नवजात शिशु की त्वचा अत्यंत संवेदनशील होती है और उसे सही साबुन से नहलाना महत्वपूर्ण होता है क्योंकि गलत साबुन का उपयोग शिशु की त्वचा को नुकसान पहुंचा सकता है। आज मार्केट में साबुन के कई विकल्प हैं और उसी अनुपात में, सही साबुन चुनना भी काफी कठिन काम है।

शिशु की त्वचा को समझना (Understand Baby’s Skin)

वयस्कों की तुलना में शिशुओं की त्वचा काफी पतली और अधिक नाजुक होती है। उनकी त्वचा में रूखापन, जलन और चकत्ते होने की संभावना भी अधिक होती है। इसलिए, ऐसे साबुन का चयन करना आवश्यक है जो पर्याप्त सफाई प्रदान करते हुए उनकी त्वचा की प्राकृतिक नमी संतुलन बनाए रखता है।

सौम्य सफ़ाई का महत्व (The Importance Of Gentle Cleansing)

शिशुओं को गहन सफाई की आवश्यकता नहीं होती है क्योंकि वे वयस्कों के समान गंदगी और प्रदूषकों के संपर्क में नहीं आते हैं। अत्यधिक सफाई से उनकी त्वचा से प्राकृतिक तेल और नमी छिन्न सकती है, जिससे सूखापन और जलन हो सकती है। शिशुओं के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया साबुन चुनने से उनकी नाजुक त्वचा के पीएच संतुलन और नमी की मात्रा को बनाए रखने में मदद मिलती है।

ऐसे साबुन या सफाई उत्पादों को प्राथमिकता न दें जिनमें कठोर रसायन हों। आमतौर पर वयस्कों के साबुन में पाए जाने वाले ये कठोर रसायन और कृत्रिम सुगंध बच्चे की संवेदनशील त्वचा के लिए हानिकारक हो सकते हैं। ये तत्व एलर्जी प्रतिक्रिया, त्वचा में जलन और सूखापन पैदा कर सकते हैं। ऐसे साबुन की तलाश करें जो एसएलएस, एसएलईएस, सिलिकोन, सल्फेट्स, पैराबेंस, फ़ेथलेट्स और कृत्रिम रंगों या सुगंधों जैसे विषाक्त पदार्थों से पूरी तरह मुक्त हों। इसके बजाय, प्राकृतिक और जैविक विकल्प चुनें जो हल्के हों और किसी भी प्रतिकूल प्रतिक्रिया की संभावना कम हो।

कैसे चुने बच्चों के लिए सबसे बेहतर साबुन (How to Choose Soap for Babies)

  • इंडिग्रेंट्सकेमिकल (Ingredients & Chemical): बच्चों के साबुन में किन-किन चीजों का इस्तेमाल किया गया है, इस बात पर नज़र रखना बहुत जरुरी होता हैयहाँ यह जानना आवश्यक है कि नेचुरलया ऑर्गेनिकचीजें हमेशा आपके लिए बेहतर नहीं होती। इनमें कई बार कई सरे प्रिजरेटिव मिलें होते हैं जो बच्चे की कोमल त्वचा पर रिएक्शन पैदा कर सकते हैं। इसलिए पैकेट पर लिखें सभी इंडिग्रेंट्स ध्यान से देखें। बच्चों के उत्पादों में आमतौर पर पैराबेन, सल्फेट या थायलेट नामक केमिकल होते हैं जो शिशु की नाजुक त्वचा के लिए हानिकारक साबित हो सकते हैं। इसके अलावा अगर बच्चे के साबुन में किसी और केमिकल की मौजूदगी है तो चेक करें कि वह आपके बच्चे के लिए सेफ है या नहीं।
  • कोमल और मॉइस्चराइजिंग सामग्री (Gentle And Moisturizing Ingredients): ऐसे साबुन की तलाश करें जिनमें कोमल और मॉइस्चराइजिंग तत्व हों। बादाम, नारियल या जैतून का तेल जैसे प्राकृतिक तेल सबसे अच्छा विकल्प हैं। ये तत्व नमी बनाए रखने और शुष्कता को रोकने में मदद करते हैं, जिससे आपके बच्चे की त्वचा नरम और कोमल हो जाती है। शिया बटर और एलोवेरा भी अपने सुखदायक और हाइड्रेटिंग गुणों के लिए फायदेमंद हैं। एलोवेरा भी अपने सुखदायक और हाइड्रेटिंग गुणों के लिए फायदेमंद हो सकता हैं।
  • रंग (No Dye): अधिकतर साबुन को उसका मनमोहक रंग देने के लिए कंपनियां उस डाई या रंगों का प्रयोग भी करती हैं जो कपड़ों को रंगने में काम आती है हालाँकि यह कम मात्रा में होती है लेकिन शिशु की त्वचा को नुकसान तो पहुंचा ही सकती है। आमतौर पर, बच्चों को साबुन के कारण जो इंफेक्शन होता है वह इसी डाई और केमिकल्स की वजह से ही होता है। ऐसे प्रोडक्ट्स का प्रयोग करें जिनमें डाई इस्तेमाल बिलकुल ना हो |
  • पीएच संतुलित साबुन (pH Balanced Soap): शिशु की त्वचा का पीएच थोड़ा अम्लीय होता है, जो उसे हानिकारक बैक्टीरिया से बचाने और त्वचा की प्राकृतिक बाधा को बनाए रखने में मदद करता है। पीएच-संतुलित साबुन का चयन करें जो आपके बच्चे की त्वचा के पीएच स्तर से मेल खाने के लिए तैयार किया गया हो, जो एक स्वस्थ और संतुलित वातावरण को बढ़ावा देता हो। पीएच लेवल का निर्धारित सीमा से अधिक या कम होना, बच्चे की मासूम त्वचा को नुकसान पहुंचा सकता है। शिशु के साबुन का पीएच लेवल पांच से सात के बीच होना चाहिए। यहाँ जांच करने के लिए आप लिट्मस पेपर का प्रयोग भी कर सकती हैं।
  • सुगंध रहित या हल्की सुगंध वाला (No Fragrance Soap): अधिकतर माता-पिता बच्चे के लिए ऐसे साबुन का चुनाव करते हैं जिससे बच्चे के शरीर से आने वाली दूध,तेल आदि की बदबू हट सके लेकिन यहाँ ध्यान देने वाली बात यह है कि तेज़ सुगंध बच्चों पर भारी पड़ सकती है और संभावित रूप से उनकी त्वचा और श्वसन तंत्र में भी जलन पैदा कर सकती है। यह भी ध्यान रखे कि बच्चों के साबुन में खूशबू के लिए इस्तेमाल होने वाले घटक आईएफआरए (IFRA) द्वारा निर्धारित मानकों पर खरे उतरने चाहिए और आईएफआरए के मानकों को पूरा करता है |
  • लैब टेस्ट्ड (Lab Tested): शिशु के लिए उपयुक्त साबुन चुनते समय इस बात का ध्यान रखें कि वो साबुन लैब टेस्ट्ड हो, डरमोटॉलिजिस्ट टेस्ट्ड हो टेस्ट पास हुआ साबुन इस बात को सुनिश्चित करेगा कि वो आपके शिशु के लिए सुरक्षित है | कही ऐसा ना हो कि कंपनी ने आपको धोखा देने के लिए लैब टेस्ट का लेबल तो लगा रखा हैं लेकिन लैब टेस्ट में वह पास है या नहीं, यह नहीं बताया ।  
  • अंतरराष्ट्रीय मानकों को पूरा करें (Meets International Standards): यह अवश्य चेक करें कि आप जिस बेबी सॉप का प्रयोग कर रहे हैं वह अंतरराष्ट्रीय मानकों को पूरा करता हो। कई नई ब्रांड्स केवल अपने मानकों को ही पूरा करते हैं और वह अंतरराष्ट्रीय मानकों की बात को पैक से छुपा लेते हैं। पैकेट पर दी जानकारी या उस प्रोडक्ट के बारें में ऑनलाइन रिसर्च कर यह तय करें कि वह अन्तरराष्ट्रीय मानकों पर खरा उतरता है या नहीं।  
  • हाइपोएलर्जेनिक सोप (Hypoallergenic Soap): शिशुओं को एलर्जी होने का खतरा रहता है। इसलिए हाइपोएलर्जेनिक साबुन का चयन करने से किसी भी प्रतिकूल प्रतिक्रिया का जोखिम कम हो सकता है। हाइपोएलर्जेनिक फ़ॉर्मूले विशेष रूप से एलर्जी प्रतिक्रियाओं की संभावना कम करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं, जो उन्हें संवेदनशील त्वचा वाले शिशुओं के लिए आदर्श बनाते हैं।
  • एलर्जी परीक्षण-पैच टेस्ट (Allergy Test-Patch Test): बच्चों के साबुनों में कई तरह के ऐसे तत्वों को मिलाया जाता है जो उसकी त्वचा को सही से मॉश्चराइज नहीं करते और त्वचा रुखी बनी रहती हैं। इससे बचने का आसान उपाय है पैच टेस्ट। जब भी आप बच्चे के लिए साबुन या कोई अन्य स्किन प्रोडक्ट चुनें तो पहले उसे शरीर के किसी छोटे-से भाग पर लगा कर चैक कर लें। अगर साबुन लगाने के बाद बच्चे की स्किन नमी खो देती है या रफ हो जाती है तो उस साबुन को ना चुनें।  इस तरह से एलर्जी की किसी भी संभावना से बचा जा सकता है ।
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