गर्मियों में बच्चो में होने वाले रैशेष से बचने के तरीके (Heat Rashes)
#Heat Rashes
वयस्कों की तुलना में शिशुओं को
घमौरियां होने की संभावना अधिक होती है क्योंकि उनकी पसीने की नलिकाएं अभी भी विकसित
हो रही होती हैं। यह त्वचा पर उभार या छाले के रूप में प्रकट हो सकता है और आमतौर
पर अपने आप ठीक हो जाता है।
घमौरियों का क्या कारण है?( What causes Heat Rash?)
जब मौसम गर्म और आर्द्र होता है
तो गर्मियों के ऐसे मौसम में अक्सर बच्चों को घमौरियां हो जाते हैं | तंग या बहुत
गर्म कपड़े इसे बदतर बना सकते हैं। शिशुओं में घमौरियां तब होती हैं जब अत्यधिक
पसीने के कारण पसीने की ग्रंथियां और नलिकाएं अवरुद्ध हो जाती हैं और पसीना त्वचा
के नीचे फंस जाता है | इससे पसीना वापस एपिडर्मिस और डर्मिस,
त्वचा की सतह और उसके नीचे ऊतक की परत में प्रवाहित होता
है। इन चकत्तों में खुजली, असहजता और चुभन महसूस हो सकती है। और परिणामस्वरूप लाल उभार या छाले हो जाते
हैं। कई अन्य कारण भी हो सकते हैं जैसे गर्मी, पसीने से इन्फेक्शन, गन्दे हाथ लगना, सूरज की रोशनी लगना आदि।
हालाँकि घमौरियाँ किसी को भी हो
सकती हैं,
लेकिन बच्चे अधिक संवेदनशील होते हैं क्योंकि उनकी पसीने की
नलिकाएँ अपरिपक्व होती हैं। शिशुओं में घमौरियों के जोखिम कारकों में शामिल हैं:
- ऐसे कपड़े पहनना जो मौसम के हिसाब से बहुत गर्म हों
- बहुत गर्म जलवायु में रहना
- गर्मी के स्रोतों, जैसे स्पेस हीटर या हीट लैंप के पास बैठना
- कपड़े में लपेटना, खासकर अगर मौसम गर्म हो या बच्चे को पसीना आ रहा हो
- त्वचा पर गाढ़ी क्रीम या तेल लगाना जो पसीने की नलिकाओं को अवरुद्ध कर सकता है
शिशुओं में घमौरियों के लक्षण (Heat Rash Symptoms in Babies)
- छोटे, अक्सर नम लाल उभारों के गुच्छों के रूप में प्रकट होता है जो फुंसियों या फफोले के समान होते हैं |
- चेहरे पर और गर्दन, हाथ, पैर, ऊपरी छाती और डायपर क्षेत्र की त्वचा की परतों पर दाने निकल आते हैं |
- खुजली होती है और झुनझुनी, "कांटेदार" दर्द के साथ आता है –
- हालाँकि चूँकि आपका बच्चा आपको नहीं बता सकता है कि उसकी त्वचा उसे परेशान कर रही है, आप शायद देखेंगे कि वह अतिरिक्त चिड़चिड़े और बेचैन व्यवहार कर रहा है |
- कभी-कभी उसे सामान्य से अधिक सोने में परेशानी होती है
घमौरियों के प्रकार (Types of Heat Rash)
डॉक्टर घमौरियों को उसकी गंभीरता के अनुसार तीन प्रकारों में विभाजित करते हैं।
- मिलिरिया क्रिस्टलीना (Miliaria Crystalline): यह घमौरियों का सबसे कम गंभीर रूप है। मिलिअरिया क्रिस्टलीना का एकमात्र लक्षण छोटे स्पष्ट या सफेद छाले हैं जो पानी की बूंदों के समान होते हैं। वे लाल या सूजे हुए नहीं दिखते। त्वचा की प्रभावित परत रगड़ने के बाद दाने आमतौर पर एक दिन के भीतर ठीक हो जाते हैं।
- मिलिरिया रूब्रा (Miliaria Rubra):
- छोटे, लाल उभार या छाले
- मलिनकिरण जैसे लालिमा
- खुजली
- मिलिरिया रूब्रा में अक्सर खुजली होती है, इसलिए बच्चे लगातार अपनी त्वचा को खरोंच सकते हैं।
- यदि दाने पर मवाद युक्त धब्बे हों, तो यह जीवाणु संक्रमण का संकेत हो सकता है।
- मिलिरिया प्रोफुंडा (Miliaria Profunda): मिलिरिया प्रोफुंडा घमौरियों का सबसे गंभीर प्रकार है, लेकिन यह असामान्य है। जब पसीना बार-बार त्वचा में रिसता है, तो इससे तीव्र लाली और जलन हो सकती है। व्यापक मिलिरिया प्रोफंडा वाले शिशुओं में गर्मी की थकावट के लक्षण भी विकसित हो सकते हैं क्योंकि उनकी अवरुद्ध पसीने की ग्रंथियां बच्चे को ठंडा करने के लिए पसीना पैदा करना बंद कर देती हैं। इसके के लक्षणों में सख्त, बड़े, मांस के रंग के धब्बे शामिल हैं जो फुंसियों जैसे दिख सकते हैं और हल्की से लेकर तीव्र खुजली हो सकती है। इसके अतिरिक्त, यदि कोई बच्चा अपने दाने को खरोंचता है, तो उसे संक्रमण हो सकता है।
बच्चों के शरीर पर सबसे अधिक
प्रभावित अंग (The Most Affected Body
Parts)
- गर्दन की तहें
- कोहनी और घुटने में सिलवटें
- बगल
- अंदरूनी जांघे
- पीठ और पेट
घमौरियो से कैसे बचे? (How to Cure/ Prevent Heat Rashes)
- मुल्तानी मिट्टी: मुल्तानी मिट्टी यह अन्दर से ठंडी होती हैं
जो बच्चो की त्वचा को ठंडा करती हैं | थोड़ी सी मुल्तानी
मिटटी पोवेदर लेकर इमें गुलाब जल व पानी मिलाकर पेस्ट बनाकर घमोरियो वाली जगह पर लगा
सकते है। 10-15 मिनट बाद जब ये सूख जाए तब इसे पानी से धो ले।
- एलोविरा जेल: यह बच्चे की त्वचा को ठंडक देने के साथ-साथ
घमोरियो से आराम भी देता हैं। एलोविरा की एक पत्ती बीच में से काटकर उसका गुदा या जेल
निकाल ले। इसे बच्चे की त्वचा पर 15-20 मिनट लगाकर रखने के
बाद सूती कपड़े से साफ कर ले।
- जई का आटा: जई के आटे में गर्मी को दूर करने के तत्त्व पाए जाते हैं जो आपके बच्चे की त्वचा को राहत देंगे। एक कप जई के आटे को अपने बच्चे के नहाने की बाल्टी में अच्छे से मिला दे। अब उस पानी से अपने बच्चे को अच्छे से नहलाकर सूती कपड़े से पूछे।
- खीरा: खीरे
को काटकर उनको मिक्सी की सहायता से पेस्ट बना ले। बच्चे की त्वचा पर लगाकर सूखने के
लिए रख दे, इसके बाद इसे सूती
कपडे से पोछ ले या धो ले, यह गर्मियों में शरीर व आँखों दोनों
को ठंडक प्रदान करता हैं।
- अन्य सावधानियां (Other Practices):
- बच्चो को सूती के कपड़े पहनाये
- सिंथेटिक कपड़ो को पहनाने से बचे
- धूप में ज्यादा देर ना रखे
- समय-समय पर पानी पिलाते रहे
- धूप से सीधा एसी में ना बिठाये
- ज्यादा तंग कपड़े भी ना पहनाये | अपने बच्चे को ढीले-ढाले कपड़े पहनाएं जो त्वचा पर रगड़ें नहीं।
- बच्चों को वयस्कों की तुलना में कपड़ों की 1 से अधिक अतिरिक्त परत नहीं पहननी चाहिए।
- अपने बच्चे का डायपर गीला या गंदा होने पर तुरंत बदल दें।
- जब भी संभव हो वातानुकूलित स्थानों पर रहें। यदि आप अंदर हैं तो हवा प्रसारित करने के लिए पंखे या एसी का उपयोग करने का प्रयास करें, और यदि आप बाहर हैं, तो अपना अधिकांश समय छायादार क्षेत्रों में बिताने का विकल्प चुनें |
- बच्चे के सोने के क्षेत्र को ठंडा और हवादार रखें
- डिटर्जेंट या कपड़े धोने के अवशेष कपड़ों में रह सकते हैं और त्वचा में जलन या चकत्ते पैदा कर सकते हैं। उन्हें पुनः धोए |
डॉक्टर को कब बुलाएं (When to Call Doctor)
घमौरियां आमतौर पर खतरनाक नहीं
होती हैं। हालाँकि, यह संकेत दे सकता है कि बच्चे को अधिक गर्मी लगने का खतरा है। ज़्यादा गरम
करने से गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, इसलिए चेतावनी पर ध्यान देना और बच्चे को ठंडे स्थान पर ले
जाना महत्वपूर्ण है। इन्हें ठंडा और आरामदायक रखने से दाने जल्दी ठीक हो सकते हैं।
यदि दाने कुछ दिनों के भीतर अपने आप दूर नहीं होते हैं,
यदि बच्चा बहुत असहज लगता है, या यदि दाने फैलने लगते हैं, तो बिना देर करे, डॉक्टर से बात करनी चाहिए।
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