गर्भावस्था
#Pregnancy
दूसरे तिमाही में, महिलाओं की सामान्यतः उस समय की तुलना में अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है जब गर्भ की गतिविधियों बढ़ जाती हैं। इस समय में भोजन में पोषक तत्वों की अधिक मात्रा में शामिल की जानी चाहिए ताकि शिशु का सही विकास हो सके। इस समय में भी, महिलाओं को योग और प्राणायाम जैसी शारीरिक गतिविधियों को अपनाना चाहिए जो उन्हें तनाव मुक्ति और मानसिक शांति प्रदान कर सके।
तीसरे तिमाही में, गर्भ का विकास अधिक हो जाता है और गर्भावस्था की दौरान वजन भी बढ़ने लगता है। इस समय में महिलाओं को अपने आहार में गर्भ के सहारे और शिशु के उत्तम विकास के लिए अधिक पोषण युक्त तत्वों को शामिल करने की आवश्यकता होती है। वे स्वस्थ और सकारात्मक भोजन का सेवन करने के लिए प्रेरित किए जाते
हैं जैसे कि फल, सब्जियां, अनाज,
और दूध आदि।
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को अपने शारीरिक स्वास्थ्य का, मानसिक स्वास्थ्य का और अपने आसपास के माहौल का भी ध्यान रखना चाहिए। यह एक ऐसा समय होता है जब उन्हें अधिक समझदारी और सहानुभूति की जरूरत होती है, क्योंकि उन्हें शरीर में होने वाले हर बदलाव का सामना करना पड़ता है। ये न केवल उनके लिए महत्वपूर्ण होता है, बल्कि इससे उनके शिशु के स्वास्थ्य पर भी सीधा प्रभाव पड़ता है।
वे अपने पारिवारिक संबंधों को मजबूत करने के लिए अपने पारिवारिक सदस्यों से भी सहायता मांग सकती हैं। ऐसे स्थानों से दूर रहना चाहिए जहाँ प्रदूषण या अन्य हानिकारक पदार्थ हो सकते हैं। वे नियमित रूप से अपने आसपास की सुरक्षा की जाँच करवाएं और किसी भी संभावित खतरे को दूर करें। उन्हें नियमित रूप से डॉक्टर के पास जाना चाहिए, नियमित चेकअप करवाना चाहिए, और किसी भी स्वास्थ्य समस्या की तुरंत जाँच करानी चाहिए।








No comments