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कैल्शियम चार्ट 6 माह से 3 वर्ष के बच्चो के लिए (Calcium Chart for Children of 6 Months to 3 Years)

#Calcium Chart for Children of 6 Months to 3 Years

कैल्शियम का महत्व (Importance of Calcium)
कैल्शियम हमारे शरीर के लिए एक महत्वपूर्ण खनिज है जो हड्डियों और दांतों की मजबूती के लिए आवश्यक है। यह मांसपेशियों की क्रिया, तंत्रिका सिग्नलिंग, और हार्मोन रिलीज में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। बच्चों के विकास के दौरान, कैल्शियम की सही मात्रा उनके हड्डियों की वृद्धि और विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है। कैल्शियम की कमी से बच्चों में हड्डियों की कमजोरी, दांतों की समस्याएं और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
कैल्शियम स्रोत और उनके कैल्शियम की मात्रा (Calcium Sources and their Calcium Content)
दूध:                             1 कप दूध में लगभग 300 मिलीग्राम कैल्शियम होता है।
पनीर:                          100 ग्राम पनीर में लगभग 250 मिलीग्राम कैल्शियम होता है।
रागी:                           100 ग्राम रागी आटा में लगभग 350 मिलीग्राम कैल्शियम होता है।
हरी पत्तेदार सब्जियाँ:   100 ग्राम पालक में लगभग 99 मिलीग्राम कैल्शियम होता है।
तिल:                           टेबलस्पून तिल में लगभग 88 मिलीग्राम कैल्शियम होता है।
बादाम:                        100 ग्राम बादाम में लगभग 254 मिलीग्राम कैल्शियम होता है।
सोयाबीन:                    100 ग्राम सोयाबीन में लगभग 277 मिलीग्राम कैल्शियम होता है।
चना:                           100 ग्राम काबुली चने में लगभग 150 मिलीग्राम कैल्शियम होता है।
अंजीर                         100 ग्राम अंजीर में लगभग 162 मिलीग्राम कैल्शियम होता है।
मूंगफली                      100 ग्राम मूंगफली में लगभग 92 मिलीग्राम कैल्शियम होता है।
ब्रोकली                        100 ग्राम ब्रोकली में लगभग 47 मिलीग्राम कैल्शियम होता है।
काले चने                     100 ग्राम काले चने में लगभग 150 मिलीग्राम कैल्शियम होता है।
मूली के पत्ते                 100 ग्राम मूली के पत्ते में लगभग 30 मिलीग्राम कैल्शियम होता है।

बच्चों के उम्र के अनुसार कैल्शियम की आवश्यकता
कैल्शियम की आवश्यकता के लिए अधिकांश राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान और अन्य स्वास्थ्य संगठनों ने निम्नलिखित अनुमानित दैनिक आवश्यकता के अंक दिए हैं:
6-12 महीने का शिशु:   400-600 मिलीग्राम/दिन
1-3 वर्ष के बच्चे:           500-800 मिलीग्राम/दिन

यहां दिए गए आंकड़े आशातीत और सामान्य दिनचर्या के आधार पर हैं। यह आंकड़े आपको एक मानक दिनचर्या की सलाह देने में मदद कर सकते हैं, लेकिन बच्चे के वास्तविक आवश्यकताओं को जांचने के लिए चिकित्सक से परामर्श करना हमेशा बेहतर होता है।

आयुनुसार खाध्य सलाह (Age Group and Food Suggestion)
निम्नलिखित सारांश टेबल में दिखाया गया है कि किस आयु समूह के बच्चों को कौन से आहार के स्रोत प्रदान किया जा सकता है:
6-8 महीने:                  दूध और दूध उत्पाद, पालक, मूंगफली
9-12 महीने:                दूध और दूध उत्पाद, पालक, तिल
1-2 साल:                    दूध और दूध उत्पाद, पालक, बादाम
2-3 साल:                    दूध और दूध उत्पाद, पालक, अंजीर

शरीर के वजन के साथ कनेक्शन (Body Weight and Calcium Connection)
शरीर का वजन और कैल्शियम के बीच गहरा संबंध होता है | हालांकि, सामान्य रूप से, एक व्यक्ति की कैल्शियम की आवश्यकता उसकी उम्र, लिंग, और विशेषताओं पर निर्भर करती है। बच्चों की विकास और बढ़ते हुए वजन के साथ, कैल्शियम की आवश्यकता भी बढ़ती जाती है। 

कैल्शियम शरीर के लिए महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि यह हड्डियों और दांतों के निर्माण और मजबूती में मदद करता है। विशेष रूप से बच्चों के विकास के लिए, सही कैल्शियम स्तर बच्चों के वजन और ऊंचाई का सही विकास सुनिश्चित करता है। जब शरीर में कैल्शियम की कमी होती है, तो हड्डियों की मजबूती में कमी होती है और इससे बच्चे का विकास प्रभावित होता है। इसके परिणामस्वरूप, बच्चे का वजन और ऊंचाई प्रभावित हो सकते हैं। 

इसके अलावा, कैल्शियम की कमी से पारिस्थितिकीय ग्रंथि अधिक काम करने लगती हैं, जिससे शरीर में वसा जमा हो सकती है। यह वजन बढ़ने का कारण बन सकता है। अत: कैल्शियम की उचित मात्रा की सुनिश्चित करना जरूरी है ताकि बच्चों का वजन और ऊंचाई सही तरीके से विकसित हो सके।

कैल्शियम की आवश्यकता को समझने के लिए आम तौर पर विशेषज्ञों द्वारा सिफारिश की जाती है। इसके लिए, चिकित्सक या पेडियाट्रिशियन से परामर्श लेना उचित होता है, जो आपके बच्चे के उम्र, स्वास्थ्य स्थिति, और अन्य परिस्थितियों का मूल्यांकन करके आपको सटीक सलाह देंगे।
 
बच्चों में कैल्शियम की कमी के लक्षण (Calcium Deficiency Symptoms)
  • दाँतों केविकास में देरी (Delay in Development of Teeth): दाँतों का सही और स्थिर विकास में देरी हो सकती है।
  • दांतों में दर्द (Toothache): अगर बच्चे के दाँतों में दर्द और सूजन होती है, तो यह कैल्शियम की कमी का संकेत हो सकता है।
  • पैरों या हाथों में दर्द (Pain in Legs or Hands): कैल्शियम की कमी से बच्चों को पैरों या हाथों में दर्द का अनुभव हो सकता है।
  • स्थूलता में कमी (Decreased Obesity): सही से कम वजन या विकास में कमी हो सकती है।
  • स्नायु आघात (Nerve Injury): अगर बच्चे को सामान्य स्तिथि में स्नायुओं में अधिक दर्द होता है, तो यह कैल्शियम की कमी का संकेत हो सकता है।
  • स्थूलता में दरिद्रता (Poor Nutrition): अगर बच्चा विशेष रूप से स्थूलता में दरिद्रता और न्यूनतम शक्ति में दिखाई देता है, तो यह कैल्शियम की कमी का संकेत हो सकता है।
  • अच्छी नींद की कमी (Lack of Good Sleep): बच्चे को अच्छी नींद नहीं आती, और वे अनियमित रूप से रात को उठ जाते हैं।
  • हड्डियों में कमजोरी (Weakness in Bones): बच्चे के हड्डियों में कमजोरी हो सकती है, जिससे वे चलने या उछलने में परेशानी महसूस कर सकते हैं।
  • कब्ज (Constipation): कैल्शियम की कमी से परिपथन या कब्ज की समस्या हो सकती है।
  • दुष्टता (Wickedness): बच्चे में चिढ़चिढ़ापन या अक्षमता दिखाई दे सकती है, जो कैल्शियम की कमी के कारण हो सकती है।
ये सभी लक्षण कैल्शियम की कमी की संभावित संकेत हो सकते हैं और इसे सही रूप से निदान और उपचार के लिए चिकित्सक से परामर्श लेना उचित है।

पौष्टिक नाश्ते के विकल्प (Quick & Nutritious Breakfast Options)
ये नाश्ता विकल्प आपके बच्चों को कैल्शियम सहित अन्य पोषणीय मानव सामग्री प्रदान करेंगे। ये बच्चों को प्राकृतिक रूप से कैल्शियम प्रदान कर सकते हैं और उनके स्वस्थ विकास में मदद कर सकते हैं।
  • रवा उत्तपम                                 
  • ब्रोकली और पनीर का पराठा         
  • स्पिनेच पनीर ओमलेट                   
  • सोयाबीन चीला                              
  • मूंगफली और नारियल की चटनी     
  • सत्तू                                               
  • बंगन                                             
  • बजरे की रोटी
  • गुड़-गन्ने का रस
  • पंपकिन बीज 
  • मेथी (फेनुग्रीक) साग 
  • हरी मूंग दाल 
  • गोभी गोभी
  • खजूर
  • खसखस (पोस्त)
  • मेवा- खरोट, किशमिश, अंगूर, खुरमा
  • मक्के की रोटी
  • पपीता
प्रमुख कैल्शियम स्रोत- भारतीय और शाकाहारी (Major Calcium Sources- Indian and Vegetarian)
  • दूध और दूध उत्पाद (Milk and Milk Products): दूध, दही, पनीर कैल्शियम के उत्कृष्ट स्रोत हैं। इनसे बच्चों को आवश्यक मात्रा में कैल्शियम मिल सकता है।
  • रागी (Ragi): रागी में कैल्शियम की मात्रा बहुत अधिक होती है। इसे बच्चों के आहार में शामिल किया जा सकता है।
    • रागी पोरिज सामग्री: रागी आटा (2 टेबलस्पून), दूध (1 कप), गुड़ (1 टेबलस्पून)
    • विधि:
      • रागी आटे को थोड़ा पानी में घोल लें।
      • इसे दूध में मिलाकर पकाएं।
      • गुड़ डालें और 5-7 मिनट तक पकाएं।
  • हरी पत्तेदार सब्जियाँ (Green Leafy Vegetables): पालक, मेथी, सरसों जैसी सब्जियाँ कैल्शियम से भरपूर होती हैं। इन्हें बच्चों के आहार में शामिल किया जा सकता है।
    • पालक पनीर सामग्री: पालक (2 कप), पनीर (200 ग्राम), प्याज (1), टमाटर (1), मसाले, नमक, तेल
    • विधि:
      • पालक को धोकर उबालें और पीस लें।
      • पैन में तेल गरम करें, प्याज और टमाटर भूनें।
      • पालक प्यूरी और मसाले मिलाएं।
      • पनीर डालकर 5-7 मिनट पकाएं।
  • तिल लड्डू (Sesame Laddu): तिल के बीज कैल्शियम से भरपूर होते हैं। इन्हें बच्चों के आहार में चटनी या लड्डू के रूप में शामिल किया जा सकता है।
    • सामग्री: तिल (1 कप), गुड़ (1/2 कप), घी (2 टेबलस्पून)
    • विधि:
      • तिल को सूखा भून लें।
      • गुड़ को घी में पिघलाएं।
      • तिल मिलाकर लड्डू बनाएं।
  • बादाम का दूध (Almond Milk): बादाम कैल्शियम का अच्छा स्रोत हैं। इन्हें भिगोकर या बादाम का दूध बनाकर बच्चों को दिया जा सकता है |
    • सामग्री: बादाम  (1/2 कप), दूध (2 कप), शहद (1 टेबलस्पून)
    • विधि:
      • बादाम को रातभर भिगोकर छील लें।
      • दूध के साथ मिक्सर में पीस लें।
      • छानकर शहद मिलाएं और परोसें।
  • टोफू स्टिर-फ्राई (Tofu Stir-Fry): सोया उत्पाद जैसे टोफू और सोया दूध भी कैल्शियम के अच्छे स्रोत हैं। इन्हें बच्चों के आहार में शामिल किया जा सकता है।
    • सामग्री: टोफू (200 ग्राम), शिमला मिर्च (1), गाजर (1), सोया सॉस (1 टेबलस्पून), तेल
    • विधि:
      • टोफू को छोटे टुकड़ों में काट लें।
      • पैन में तेल गरम करें, शिमला मिर्च और गाजर भूनें।
      • टोफू और सोया सॉस मिलाकर 5-7 मिनट पकाएं।
  • काबुली चना मसाला (Kabuli Chana Masala): काबुली चना भी कैल्शियम का अच्छा स्रोत हैं। इन्हें बच्चों के आहार में सब्जी या चाट के रूप में शामिल किया जा सकता है।
    • सामग्री: काबुली चना (1 कप), प्याज (1), टमाटर (1), अदरक-लहसुन पेस्ट (1 टीस्पून), मसाले, तेल
    • विधि:
      • चना को रातभर भिगोकर उबालें।
      • पैन में तेल गरम करें, प्याज और अदरक-लहसुन पेस्ट भूनें।
      • टमाटर और मसाले मिलाकर भूनें।
      • चना डालकर 10-15 मिनट पकाएं।
  • अंजीर शेक (Fig Shake): सूखी अंजीर कैल्शियम का अच्छा स्रोत होती है। इसे बच्चों को शेक या स्मूदी के रूप में दिया जा सकता है।
    • सामग्री: सूखी अंजीर (4-5), दूध (1 कप), शहद (1 टेबलस्पून)
    • विधि:
      • अंजीर को रातभर भिगोकर मिक्सर में पीस लें।
      • दूध और शहद मिलाकर शेक बनाएं।
  • मूंगफली या मूंगफली चटनी (Peanuts or Peanut Chutney): मूंगफली में कैल्शियम और प्रोटीन दोनों होते हैं। इसे चटनी या स्नैक के रूप में बच्चों को दिया जा सकता है।
    • सामग्री: मूंगफली (1 कप), हरी मिर्च (2), लहसुन (2 कलियाँ), नमक, नींबू का रस
    • विधि:
      • मूंगफली को सूखा भून लें।
      • हरी मिर्च, लहसुन, और नमक के साथ पीस लें।
      • नींबू का रस मिलाकर चटनी बनाएं।
  • ब्रोकली सलाद (Broccoli Salad): ब्रोकली भी कैल्शियम का अच्छा स्रोत है। इसे बच्चों के आहार में सलाद या सब्जी के रूप में शामिल किया जा सकता है।
    • सामग्री: ब्रोकली (1 कप), गाजर (1), शिमला मिर्च (1), नींबू का रस, नमक, काली मिर्च
    • विधि:
      • ब्रोकली को छोटे टुकड़ों में काट लें।
      • गाजर और शिमला मिर्च मिलाएं।
      • नींबू का रस, नमक, और काली मिर्च मिलाकर सलाद बनाएं।
  • काले चने की सब्जी (Black Chickpeas): काले चने कैल्शियम का अच्छा स्रोत होते हैं और भारतीय आहार में बहुत प्रचलित हैं।
    • सामग्री: काले चने (1 कप), प्याज (1), टमाटर (1), अदरक-लहसुन पेस्ट (1 टीस्पून), मसाले, तेल
    • विधि:
      • काले चने को रातभर भिगोकर उबालें।
      • पैन में तेल गरम करें, प्याज और अदरक-लहसुन पेस्ट भूनें।
      • टमाटर और मसाले मिलाकर भूनें।
      • उबले हुए चने डालकर 10-15 मिनट पकाएं।
  • मूली के पत्ते की सब्जी (Radish Greens): मूली के पत्ते भी कैल्शियम का अच्छा स्रोत होते हैं और अक्सर भारतीय घरों में सब्जी या पराठे में इस्तेमाल होते हैं।
    • सामग्री: मूली के पत्ते (1 कप), प्याज (1), टमाटर (1), हरी मिर्च (1), नमक, हल्दी, तेल
    • विधि:
      • मूली के पत्ते को धोकर काट लें।
      • पैन में तेल गरम करें, प्याज भूनें।
      • हरी मिर्च, टमाटर, नमक, हल्दी मिलाएं।
      • मूली के पत्ते डालें और 5-7 मिनट तक पकाएं।

बच्चों के लिए विशेष टिप्स (Special Tips for Children)
  • सुनिश्चित करें कि आहार में विभिन्न स्रोतों से कैल्शियम शामिल हो (Calcium Rich Food): बच्चों को विभिन्न स्रोतों से कैल्शियम मिलना चाहिए, जैसे कि दूध उत्पाद, दालें, सब्जियाँ, और अन्य फल।
  • पोषक तत्वों का संतुलन (Balance of Nutrients): बच्चों के आहार में कैल्शियम के साथ-साथ अन्य पोषक तत्वों का संतुलन भी होना चाहिए, जैसे कि प्रोटीन, विटामिन डी, और मैग्नीशियम।
  • पोषण (Nutrition): बच्चों को एक स्वस्थ और बैलेंस्ड आहार देने के लिए माता-पिता को सहायता की आवश्यकता होती है। वे पोषणीय आहार के लिए नैतिक और प्रेरणादायक उदाहरण स्थापित कर सकते हैं।
  • विविधता (Variety): बच्चों के आहार में विविधता और रंगबिरंगी विकासहीनता बनाए रखने के लिए, जैसे कि विभिन्न आहार संघटकों के साथ विभिन्न आवश्यक पोषक तत्वों की पूर्ति।
  • भोजन को आकर्षक बनाएं (Make Food Attractive): बच्चों के भोजन को रंग-बिरंगे और आकर्षक बनाएं ताकि वे उत्साहित होकर खाएं।
  • नए स्वादों को शामिल करें (Incorporate New Flavors): धीरे-धीरे नए स्वाद और व्यंजन बच्चों के आहार में शामिल करें।
  • संयम और नियमितता (Patience and Regularity): भोजन का समय नियमित रखें और संयम बरतें।
  • घर का बना खाना (Homemade Food): हमेशा ताजा और घर का बना खाना देने का प्रयास करें। बच्चों को बाहर के तले हुए और प्रोसेस्ड खाद्यों का सेवन न कराएं |
  • हाइड्रेशन (Hydration): बच्चों को पर्याप्त मात्रा में पानी और तरल पदार्थ दें।
कैल्शियम बच्चों के स्वस्थ विकास के लिए एक अत्यधिक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है। इसलिए, उनके आहार में कैल्शियम के प्रमुख स्रोतों को शामिल करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। इन्हें सही मात्रा में और सही तरीके से उपभोग कराने से बच्चों की हड्डियों और दांतों का सही विकास होता है। यह संक्षेप में प्रदत्त भारतीय व्यंजनों के साथ सही पोषक तत्वों की पूर्ति के लिए विभिन्न विकल्पों का वर्णन करता है।

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