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बच्चों में हीमोग्लोबिन की कमी को दूर करने के उपाय (Tips to Increase Hemoglobin)

#Tips to Increase Hemoglobin
हीमोग्लोबिन क्या होता है (What is Hemoglobin)
हीमोग्लोबिन एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है जो हमारे खून में पाया जाता है। यह एक महत्वपूर्ण प्रोटीन होता है जो लाल रक्तकोशिकाओं को ऑक्सीजन पहुंचाता है या यूं कहे कि, यह ऑक्सीजन को हमारे शरीर के विभिन्न भागों तक पहुंचाता है और शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है। खासकर बच्चों के लिए, सही हीमोग्लोबिन स्तर उनके स्वास्थ्य और विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। हीमोग्लोबिन बच्चों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, और कम हीमोग्लोबिन के लक्षणों का तुरंत परीक्षण और उपचार किया जाना चाहिए। उचित आहार, संतुलित जीवनशैली, और संवेदनशीलता के साथ, कम हीमोग्लोबिन की समस्या को सुधारा जा सकता है |

हीमोग्लोबिन का महत्व (Importance of Hemoglobin)
बच्चों के लिए सही हीमोग्लोबिन स्तर का रखना बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि हीमोग्लोबिन कई महत्वपूर्ण कार्यों का संचालन करता है। निम्नलिखित हैं कुछ मुख्य बातें:
  • ऑक्सीजन प्रेषण: हीमोग्लोबिन अक्सीजन को श्वसन और शारीरिक कार्यों के लिए आवश्यक स्थानों तक पहुंचाता है।
  • ऊर्जा उत्पादन: हीमोग्लोबिन शारीरिक कार्यों के लिए अधिक ऊर्जा प्रदान करता है।
  • रक्त को उचित फ़्लो: सही हीमोग्लोबिन स्तर से लड़ाई के लिए स्वस्थ रक्त का प्रवाह बना रहता है।
  • ऊतकों की संरचना और संचालन: हीमोग्लोबिन ऊतकों की निर्माण और संरचना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  • शारीरिक विकास: सही हीमोग्लोबिन स्तर शारीरिक और मानसिक विकास के लिए आवश्यक होता है।
  • ऊर्जा स्तर बनाए रखना: हीमोग्लोबिन ऊर्जा के संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है।
  • विविध रोगों की रोकथाम: सही हीमोग्लोबिन स्तर से बच्चों की प्रतिरक्षा शक्ति बढ़ती है और विविध रोगों की रोकथाम में मदद करता है।
  • अधिकांश उपाचारों के लिए आवश्यक: कई रोगों की चिकित्सा में उचित हीमोग्लोबिन स्तर की आवश्यकता होती है।
  • ध्यान और याददाश्त: सही हीमोग्लोबिन स्तर से बच्चों की मानसिक स्थिति और ध्यान स्तर में सुधार होता है।
  • व्यायाम और शारीरिक गतिविधियों में सुधार: सही हीमोग्लोबिन स्तर से शारीरिक क्षमता बढ़ती है और व्यायाम में सुधार होता है।

बच्चों में हीमोग्लोबिन कितना होना चाहिए? (Hemoglobin Level in Children)
बच्चों की उम्र और लिंग के अनुसार, हीमोग्लोबिन स्तर भिन्न हो सकता है। सामान्य रूप से, नौ से बारह वर्ष के बच्चों में हीमोग्लोबिन का सामान्य स्तर 11-13 ग्राम प्रति डेसीलीटर (g/dL) होता है। लेकिन यह संख्या भिन्न स्तरों पर विभाजित हो सकती है, इसलिए बेहतर है कि इसे बच्चे के चिकित्सक से परामर्श किया जाए।


कम हीमोग्लोबिन के लक्षण (Symptoms of Low Hemoglobin)
हीमोग्लोबिन का सही स्तर बच्चों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। कम हीमोग्लोबिन के कई लक्षण हो सकते हैं, जो बच्चों में सामान्य होते हैं। निम्नलिखित लक्षण कम हीमोग्लोबिन की संकेत कर सकते हैं:
  • थकावट और कमजोरी: अचानक थकान और कमजोरी का अनुभव हो सकता है।
  • पीलिया (असामान्य सफेदता): त्वचा और आँखों की पीलापन का अनुभव हो सकता है।
  • चक्कर आना: बच्चों को अकसर चक्कर आने लगते हैं।
  • अस्पष्ट आंखें: आंखों का धुंधलापन और आंखों के नीचे का भाग हल्का नीला होने की संभावना रहती है।
  • पेट की परेशानी: पेट में दर्द, कब्ज, और अपारित पाचन की समस्याएं हो सकती हैं।
  • पोलिश: बार-बार चिल्लाने से बच्चों को सिरदर्द होने लगता है।
  • श्वास की कठिनाई: श्वास लेने में कठिनाई का अनुभव हो सकता है।
  • चिड़चिड़ापन: बच्चे अक्सर चिड़चिड़े और अप्रिय लगने लगते हैं।
  • नींद की समस्याएं: बच्चों की नींद का अच्छी तरह से ना आना।
  • हार्ट पल्पिटेशन: अनियमित दिल की धड़कन की समस्या हो सकती है।
  • मानसिक समस्याएँ: बच्चों को अधिक थकान और चिंता का अनुभव हो सकता है।
  • चेहरे पर पल्पिटेशन: बच्चों के चेहरे पर अनियमित धड़कन का अनुभव हो सकता है।
  • अत्यधिक गर्मी का अनुभव: बच्चों को अत्यधिक गर्मी या सर्दी का अनुभव हो सकता है।
  • छाती में दर्द: छाती के पीछे या बीच में दर्द का अनुभव हो सकता है।
  • त्वचा पर लाल दाने: बच्चों की त्वचा पर लाल दाने हो सकते हैं।
  • अच्छी तरह से विकसित न होना: बच्चों का विकास अच्छी तरह से नहीं होता है, और वे अच्छे से खेलते नहीं हैं।
  • बुखार: नियमित बुखार और बार-बार संक्रमण होना।
  • पसीना: बच्चों को अक्सर अधिक पसीना आता है।
  • अत्यधिक भूख: बच्चों को अत्यधिक भूख और पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।

हीमोग्लोबिन की कमी पूरी करने के उपाय (Home Remedies for Low Hemoglobin)
यहाँ दिए गए उपायों को बच्चों के डाइट में शामिल करने से हीमोग्लोबिन स्तर में सुधार हो सकता है और बच्चों में कम हीमोग्लोबिन को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं | इनको खिलाने के लिए, विधिअनुसार इनका पेस्ट, जूस, प्युरी, चिला, सब्जी, पकाकर इत्यादि रूप में उपयोग किया जा सकता है | कोई गंभीर समस्या है तो हमेशा डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए।
  • हरी सब्जियाँ: पालक, गोभी, शलगम, मेथी, और बैंगन जैसी हरी सब्जियाँ हीमोग्लोबिन को बढ़ाने में मदद कर सकती हैं।
  • ड्राई फ्रूट्स: खजूर खाने से हीमोग्लोबिन को बढ़ाने में मदद मिलती है। अखरोट में विटामिन और मिनरल्स होते हैं जो हीमोग्लोबिन को बढ़ावा देते हैं। मुनक्का हीमोग्लोबिन को बढ़ाने के लिए अत्यंत फायदेमंद होता है।
  • अजवाइन और गुड़: अजवाइन और गुड़ को मिलाकर खाएं, इससे हीमोग्लोबिन बढ़ेगा।
  • पौष्टिक आहार: बच्चों को पौष्टिक आहार दें जैसे कि दाल, अंडे, दूध, दही, खाजू आदि।
  • नारियल पानी: नारियल पानी पीने से हीमोग्लोबिन स्तर बढ़ सकता है।
  • हर्बल टी: मिश्री, अर्जुन की छाल, शतावरी, और ब्राह्मी से बनी हर्बल टी पीने से लाभ हो सकता है।
  • संतरा और मोसमी: संतरा और मोसमी खाएं, इससे आयरन का स्त्रोत मिलेगा।
  • आमला: आमला में विटामिन सी होता है जो आयरन को अधिक अवशोषित करने में मदद करता है।
  • अंडा: अंडे में प्रोटीन और आयरन होता है जो हीमोग्लोबिन को बढ़ाने में सहायक होता है।
  • सेब: सेब में फाइबर और आयरन होता है, जो हीमोग्लोबिन को बढ़ाने में मदद करता है।
  • पुदीना: पुदीना खाने से रक्त की बांधों को मजबूती मिलती है जो हीमोग्लोबिन को बढ़ाने में मदद कर सकता है।
  • अनार: अनार में आयरन और विटामिन सी होता है जो हीमोग्लोबिन को बढ़ाने में सहायक होता है।
  • ब्रोकोली: ब्रोकोली में फाइबर, फोलेट, और आयरन होता है जो हीमोग्लोबिन को बढ़ाने में मदद करता है।
  • लौकी: लौकी में फाइबर, फोलेट, और आयरन होता है जो हीमोग्लोबिन को बढ़ाने में मदद करता है।
  • अदरक: अदरक में एंटीऑक्सीडेंट्स और आयरन होता है जो हीमोग्लोबिन को बढ़ाने में मदद करता है।
  • दाल: दाल में प्रोटीन और आयरन होता है जो हीमोग्लोबिन को बढ़ाने में मदद करता है।
  • शतावरी: शतावरी हीमोग्लोबिन को बढ़ाने में मदद कर सकता है।
  • कटहल: कटहल में आयरन और फाइबर होता है जो हीमोग्लोबिन को बढ़ाने में मदद करता है।
  • पपीता: पपीता में आयरन, विटामिन सी, और फाइबर होता है जो हीमोग्लोबिन को बढ़ाने में मदद क
  • नारियल की चटनी: नारियल की चटनी में शक्कर, बादाम, और केसर मिलाकर लेने से हीमोग्लोबिन बढ़ा सकता है।
हीमोग्लोबिन की कमी को दूर करने के लिए उपयुक्त आहार की महत्वपूर्णता जरुरी हैं। हमारे बताए उपाय या सुझाव है कि बच्चों को लौह युक्त आहार, जैसे कि अंडे, हरी सब्जियाँ, गाजर, सेब और टमाटर, का सेवन कराना चाहिए। इसके अलावा, यह उपाय डॉक्टर की सलाह के बाद लौह युक्त दवाइयों का भी प्रयोग की सलाह देती है। इसे पालन करके छोटे बच्चों के हीमोग्लोबिन की स्तिथि को सुधारा जा सकता है। अगर यह उपाय भी कारगर नहीं होता है, तो डॉक्टर के परामर्श पर नई डाइट का अनुसरण किया जा सकता है।

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