सर्दियों में कैसे रखे बच्चों की कोमल त्वचा का ख्याल (Baby Skin Care Tips for Winter)
#Baby Skin Care Tips for Winter
शिशुओं की त्वचा को सर्दियों में खास ध्यान और देखभाल की आवश्यकता होती है। सर्दी के मौसम में, ठंड की जड़त और सूखे वायु के कारण शिशुओं की त्वचा बहुत ही संवेदनशील हो जाती है। चूँकि आपके बच्चे की त्वचा की सबसे बाहरी परत आपकी त्वचा की तुलना में लगभग 30% पतली होती है; यह दोगुनी तेजी से नमी खोती है, और जलन और क्षति की संभावना अधिक होती है।
अत्यधिक ठंडे तापमान, कम आर्द्रता और नमी के स्तर और अत्यधिक इनडोर हीटिंग वाला सर्दी का मौसम बच्चे की संवेदनशील त्वचा पर बेहद कठोर हो सकता है। इस समय में, उनकी त्वचा की सही देखभाल, उनकी प्रतिरक्षा की क्षमता को बनाए रखने के लिए भी महत्वपूर्ण होती है। हर माँ चाहती है कि उनके बच्चे की त्वचा स्वस्थ और चमकदार बनी रहे, जिससे वह सर्दियों की ठंड में भी खिली-खिली रहे।
सर्दियों के
दौरान बच्चे को होने वाली त्वचा संबंधी समस्याएं (Major Skin Problems Faced during Winter):
- शुष्क त्वचा (Dry Skin): सर्दियों के दौरान, वातावरण में नमी का स्तर काफी कम हो जाता है जिससे त्वचा शुष्क, परतदार हो जाती है। त्वचा में नमी का स्तर कम होने के कारण ठंड के मौसम में भी एक्जिमा की समस्या बढ़ जाती है।
- फटे होंठ (Chapped Lips): हमारे होठों में तेल ग्रंथियों की अनुपस्थिति के कारण उनमें रूखापन, फटने और यहाँ तक कि फटने की संभावना अधिक हो जाती है। इसलिए होंठों को नम और स्वस्थ बनाए रखने के लिए उन्हें अच्छी तरह से संरक्षित करने की आवश्यकता है।
- लालपन (Redness): ठंडे तापमान के संपर्क में आने पर, बच्चे के गाल या त्वचा के अन्य खुले क्षेत्र अक्सर सूजन के कारण लाल हो जाते हैं।
- डायपर दाने (Diaper Rashes): हम आमतौर पर बच्चों को गर्म और आरामदायक रखने के लिए उन्हें कपड़ों की परतों में लपेटते हैं। लेकिन इससे उनकी परेशानी भी बढ़ सकती है और नमी फंसने से डायपर रैशेज का खतरा भी बढ़ सकता है।
सर्दियों में कैसे रखे बच्चों की कोमल त्वचा का ख्याल (Baby Skin Care Tips for Winters)
- सही उत्पादों का चुनाव (Choose Correct Product): बाज़ार में बहुत सारे शिशु उत्पाद उपलब्ध हैं, लेकिन उन फॉर्मूलेशन को चुनना सबसे अच्छा है जो जलन पैदा किए बिना आपके बच्चे की त्वचा को पोषण और सुरक्षा देने में मदद करते हैं। इस प्रकार जैविक शिशु उत्पाद एक बेहतरीन विकल्प हैं क्योंकि वे जैविक तेलों और मक्खन से बने होते हैं जो त्वचा को सबसे सुरक्षित, सौम्य तरीके से मॉइस्चराइज़, पोषण, आराम और सुरक्षा प्रदान करते हैं। उनमें कृत्रिम सुगंध, रंग या अन्य तत्व नहीं होते हैं जो उनकी त्वचा के लिए बहुत कठोर साबित होते हैं। अत्यधिक संवेदनशील या एक्जिमा-प्रवण त्वचा वाले शिशुओं के लिए भी जैविक शिशु उत्पाद सुरक्षित हैं।
- नहाने का समय कम करें(Reduce Bath Time): नहाने के कारण त्वचा को शुष्क होने से बचाने के लिए, नहाने की आवृत्ति कम करना सबसे अच्छा है | हो सके तो नवजात शिशु को दो या तीन दिन में एक बार नहलाएं। क्योंकि शिशु को अधिक समय तक पानी के सम्पर्क में रखने या नहलाने से उसकी त्वचा से प्राकृतिक तेल और नमी भी निकल जाते हैं । नवजात शिशु को नहलाने के लिए गुनगुने पानी का प्रयोग करें। अधिक गर्म पानी से भी बच्चे को न नहलाएं, ऐसा करने से उसकी त्वचा को नुकसान पहुँचता है।
- सौम्य क्लींजर चुनें (Choose Gentle Cleanser): सुनिश्चित करें कि आप ऐसे बॉडी वॉश या साबुन का उपयोग कर रहे हैं जो आपके बच्चे की त्वचा के लिए पर्याप्त रूप से कोमल और हाइड्रेटिंग हो। जैविक उत्पाद सही विकल्प हैं क्योंकि वे पौष्टिक पौधों के तेल और मक्खन से बने होते हैं जो नमी के स्तर को फिर से भर देते हैं।
- अच्छी तरह से मॉइस्चराइज़ करें (Use Moisturizer): शुष्कता को रोकने और उनकी नाजुक त्वचा को ठंड के मौसम से बचाने के लिए नहाने के तुरंत बाद हर दिन एक पौष्टिक मालिश तेल या मॉइस्चराइज़ का उपयोग करें। तेल में मौजूद फैटी एसिड नमी को फिर से भरने और रक्त परिसंचरण को बढ़ावा देने में मदद करेगा।
- कच्चा दूध (Raw Milk): कच्चा दूध एक प्राकृतिक क्लीन्ज़र है जो शिशु की त्वचा से रूखापन दूर करने में सहायक होता है | रुई के प्रयोग से दूध शिशु की त्वचा पर लगा सकते हैं ताकिउसकी त्वचा की क़ुदरती कोमलता भी बनी रहे।
- मालिश (Gentle Massage): नवजात शिशु के लिए मालिश बेहद जरूरी है। दिन में कम से कम दो बार शिशु की मालिश करनी चाहिए। इससे बच्चे के शरीर में तेल अच्छे से समा जाएगा जिससे शिशु की त्वचा को पर्याप्त नमी मिलेगी। शिशु की त्वचा के अनुसार उचित तेल चुनें और शिशु की मालिश करें। मालिश करने से शिशु की हड्डियां मजबूत होती हैं और उस का मानसिक और शारीरिक विकास भी सही से होता है। मालिश के लिए तेल चुनते समय ध्यान रहें कि तेल बच्चे के लिए कठोर ना हो। हमेशा डाई और पेराबेन्स रहित तेल का ही प्रयोग करें जो विटामिन-E से भी भरपूर है।
- देसी घी का प्रयोग(Pure Desi Ghee): देसी घी गुणों से भरपूर होता है जो त्वचा को मॉइस्चराइज करने का सबसे अच्छा तरीका भी है। शिशु की त्वचा पर इसका प्रयोग करने से शिशु की त्वचा को पर्याप्त नमी प्राप्त होगी जिससे ड्राईनेस से मुक्ति मिलेगी। साथ ही त्वचा नरम या मुलायम और चमकदार भी बनी रहेगी । खासतौर पर शिशु के गाल और नाक के आसपास घी लगा दें क्योंकि यह जगहें जल्दी रूखी हो जाती हैं और जल्दी फट सकती हैं।
- गर्म कपडे (Warm Cloths) सर्दियों में बच्चे को अधिक से अधिक गर्म और ऊनी कपड़े पहनाने से भी शिशु की त्वचा अपनी कोमलता खो सकती है। इसके साथ ही शिशु को एलर्जी भी हो सकती है और जो त्वचा पर खुजली और लाल निशान का कारण बन सकता हैं। जब ऊनी कपडे त्वचा से रगड़ खाते हैं तो त्वचा रूखी हो जाती है। इसलिए शिशु को कॉटन या नेचुरल फैब्रिक के कपड़े ही पहनाएं।
- सुरक्षात्मक कपड़े पहनें (Full Cloths): ठंडी हवाओं के संपर्क को कम करने के लिए, सुनिश्चित करें कि आपके बच्चे को पूरी बाजू के कपड़े पहनाए जाएं। सुनिश्चित करें कि जलन से बचने के लिए कपड़ा मुलायम और सही से सांस लेने योग्य हो |
- डायपर का प्रयोग (Use of Diaper): सर्दी के मौसम में बच्चा बार-बार सूसू या मूत्र त्याग करता है, ऐसे में सही डायपर का चुनाव करने में भी विशेष ध्यान देना चाहिए। सर्दियों में अधिक देर तक डायपर का प्रयोग करने से बच्चों की त्वचा को एलर्जी हो सकती है और डायपर लगाने वाले स्थान पर सफेद या लाल रंग के दाने निकल सकते हैं। बच्चे को पूरा दिन डायपर पहनाने से बचे, क्योकिं इससे उसकी कोमल त्वचा को भी नुकसान हो सकता है |
- उचित आहार (Healthy Diet): बच्चे के आहार में प्रोटीन, विटामिन, और मिनरल्स की पर्याप्त मात्रा होना चाहिए, जो उनकी त्वचा को स्वस्थ और चमकदार बनाए रखेगा। बच्चे को अधिक फल और सब्जियां खिलाएं, जो उनकी त्वचा को पोषण देगा और उसे स्वस्थ बनाए रखेगा।
इन उपायों के अतिरिक्त, पूर्ण नींद भी बच्चों की त्वचा के लिए महत्वपूर्ण हैं। समय-समय पर शिशु को धुप में निकालें, इससे भी शिशु की त्वचा की कोमलता बनी रहती है। किसी भी असामान्य परिस्तिथि में, एक बार अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें |
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