जन्म के समय बच्चे का वजन कम होने के प्रमुख कारण (Major Reasons For Low Birth Weight of Baby)
- शारीरिक विकास: उचित शारीरिक वजन शिशु के सही विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- शारीरिक शक्ति और ताकत: अच्छे वजन से प्राप्त होने वाली ऊर्जा और ताकत शिशु को उसकी सार्वभौमिक सामर्थ्य में मदद करती है।
- प्रतिरक्षा प्रणाली का संरक्षण: उचित वजन से प्राप्त होने वाली पोषण से शिशु की प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है और वह संक्रामणों से लड़ने की क्षमता बढ़ाती है।
- मां के दूध का प्राप्त करना: अच्छा शारीरिक वजन शिशु को मां के दूध को प्राप्त करने में मदद करता है, जो उसके स्वास्थ्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है।
- मानसिक विकास: उचित वजन वाले शिशु का मानसिक विकास सही तरीके से होता है, जो उसके सामाजिक और अध्यात्मिक विकास के लिए महत्वपूर्ण होता है।
- आरोग्यकारी आदतें: उचित वजन से प्राप्त होने वाली अच्छी आहार और व्यायाम की आदतें शिशु को आरोग्यकारी बनाती हैं।
- नियंत्रण रखना: अधिक या कम वजन के आधार पर शिशु की स्थिति का नियंत्रण रखना आसान होता है, जिससे किसी भी समस्या का शीघ्र संज्ञान किया जा सकता है।
- बीमारियों का कम होना: उचित वजन वाले शिशु को बीमारियों का संक्रमण होने की संभावना कम होती है।
- विकास के लिए सही पोषण: उचित वजन से प्राप्त होने वाली पोषण से शिशु का विकास सही तरीके से होता है।
- स्वास्थ्य समस्याओं का संरक्षण: उचित वजन से प्राप्त होने वाली सही आहार, देखभाल और ध्यान से शिशु को संबंधित स्वास्थ्यीय समस्याओं से बचाया जा सकता है।
- ऊर्जा स्तर और गतिविधियों में सुधार: उचित वजन से प्राप्त होने वाली ऊर्जा शिशु को अधिक गतिविधियों में सक्रिय रहने में मदद करती है और उसका स्वास्थ्य बनाए रखने में सहायक होती है।
- अच्छी नींद: उचित वजन वाले शिशु को अधिकतर नींद की आवश्यकता होती है, जो उसके शारीरिक और मानसिक विकास के लिए महत्वपूर्ण होती है।
- शारीरिक स्थिति का संरक्षण: उचित वजन से प्राप्त होने वाली शारीरिक स्थिति और संरचना की निर्माण योग्यता शिशु को स्वस्थ और सुरक्षित रखती है।
- प्रतिस्थापन क्षमता: यदि शिशु को कोई घातक संक्रामक या बीमारी होती है, तो उचित वजन उसकी शारीरिक प्रतिस्थापन क्षमता को बढ़ाता है, जिससे उसकी रोगप्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है।
- प्रीमीचर डिलीवरी: प्रीमीचर (असमय जन्म) डिलीवरी के कारण शिशु का वजन कम हो सकता है।
- पोषणहीनता: शिशु को उचित पोषण की कमी होने के कारण उसका वजन कम हो सकता है।
- जीवाणुजनित संक्रमण: कुछ संक्रमणों के कारण भी शिशु का वजन कम हो सकता है।
- प्लेसेंटा संबंधित परेशानी: अगर महिला को प्लेसेंटा प्रिविया या प्रीक्लैम्प्सिया जैसी प्राकृतिक प्लेसेंटल संबंधित समस्याएं होती हैं, तो इसके परिणामस्वरूप गर्भ में आवश्यक पोषक तत्वों का पर्याप्त आवाहन नहीं हो पाता है, जिससे शिशु का जन्म होने पर उसका वजन कम हो सकता है। इसके अलावा, यदि रक्त संचार गर्भ में समायोजित नहीं होता, तो शिशु में विकास संबंधी कई समस्याएं हो सकती हैं।
- एक से अधिक बच्चे: गर्भ में एक से अधिक बच्चों का होना भी शिशु का वजन सामान्यतः 2.5 किलोग्राम से कम होने का प्रमुख कारण हो सकता है। इस स्तिथि में, शिशुओं को आवश्यक पोषक तत्व सही से प्राप्त नहीं हो पाते।
- गर्भावस्था के दौरान संजीवनी दवाओं का सेवन: गर्भावस्था के दौरान कुछ संजीवनी दवाओं के सेवन के कारण भी शिशु का वजन प्रभावित हो सकता है।
- जननांगों की समस्याएं: कुछ बार जननांगों की समस्याओं के कारण शिशु का वजन कम हो सकता है।
- माँ द्वारा तनाव लेना: तनाव गर्भवती महिला के लिए शारीरिक और मानसिक दोनों ही दृष्टिकोण से चुनौतीपूर्ण होता है। बढ़ा हुआ तनाव गर्भाशय के सही से कार्य करने में बाधा डाल सकता है, जिससे गर्भ में पल रहे शिशुओं को पर्याप्त मात्रा में रक्त और पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं। इसके परिणामस्वरूप शिशु जन्म के समय अंडरवेट हो सकते हैं।
- प्राथमिक विकास की समस्या: कई प्राथमिक विकास की समस्याओं के कारण भी शिशु का वजन प्रभावित हो सकता है।
- खुद की स्वास्थ्य समस्याएं: मां के खुद की स्वास्थ्य समस्याएं भी शिशु के शारीरिक वजन को प्रभावित कर सकती हैं।
- उपयुक्त पोषण की कमी: अगर शिशु को उपयुक्त पोषण नहीं मिलता है तो उसका वजन कम हो सकता है।
- दवाओं का सेवन: कई दवाओं के सेवन के कारण भी शिशु का वजन प्रभावित हो सकता है।
- गर्भावस्था के दौरान मां के असंयमित आहार: अगर गर्भावस्था के दौरान मां अपने आहार पर संयमित नहीं रहती है, तो इसका शिशु के वजन पर असर पड़ सकता है।
- बाहरी कारण: कई बार वातावरणीय कारणों के चलते भी शिशु का वजन कम हो सकता है, जैसे की पर्यावरण में प्रदूषण।
- अप्रिय आदतें: कुछ बच्चों की अप्रिय आदतें, जैसे की अच्छी तरह से नहाना ना, या अच्छी तरह से खाना न खाना, भी उनके वजन को प्रभावित कर सकती हैं।
मिथक: कम वजन वाले शिशु हमेशा बीमार होते हैं।
सत्य: कम वजन वाले शिशु की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो सकती है, लेकिन उचित देखभाल और पोषण से वे स्वस्थ रह सकते हैं।मिथक: कम वजन का शिशु सामान्य बच्चों की तरह विकसित नहीं हो सकता।

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