Sharing Experience of Experts: आपके पेरेंटिंग अनुभव को अधिक संवेदनशील, खुशहाल, स्वस्थ और सर्वोत्तम करने के लिए..!!

कितने प्रकार के होते हैं टीकाकरण (Types of Vaccination)

#Types of Vaccination

टीकाकरण, स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो गंभीर बीमारियों से बचाव करता है। विभिन्न प्रकार के टीके विभिन्न बीमारियों से बचाव के लिए बनाए जाते हैं। इस लेख में, हम टीकाकरण के विभिन्न प्रकारों और उनके महत्व के बारे में विस्तार से जानेंगे।

1. जीवित लेकिन कमजोर टीके (Live Attenuated Vaccines)

लाइव एटीन्यूएटेड टीके उन रोगजनकों का उपयोग करते हैं, जिन्हें कमजोर कर दिया गया है ताकि वे बीमारी पैदा न कर सकें। ये टीके शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को सक्रिय करते हैं और लंबे समय तक सुरक्षा प्रदान करते हैं।

प्रमुख उदाहरण (Major Examples):
  • खसरा-रुबेला (एमएमआर) टीका: खसरा, कण्ठमाला और रुबेला से बचाव करता है।
  • रोटावायरस टीका: रोटावायरस संक्रमण से बचाव करता है, जो बच्चों में दस्त का प्रमुख कारण है।
  • बीसीजी (तपेदिक) टीका: तपेदिक से बचाव करता है।
  • चेचक (वरिसेला) टीका: चेचक से बचाव करता है।
लाभ (Advantages): 
लंबे समय तक प्रतिरक्षा, एक या दो खुराक में प्रभावी।

हानियाँ (Disadvantages): 
कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों के लिए अनुशंसित नहीं, क्योंकि इनमें बीमारी होने का थोड़ा जोखिम हो सकता है।

2. निष्क्रिय टीके (Inactivated Vaccines)
इन टीकों में मारे गए रोगजनक या उनके टुकड़े होते हैं, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को सक्रिय करते हैं। ये टीके जीवित टीकों की तुलना में सुरक्षित होते हैं, क्योंकि इनमें रोगजनक जीवित नहीं होते।

प्रमुख उदाहरण (Major Examples):
  • पोलियो (आईपीवी) टीका: पोलियो से बचाव करता है।
  • हेपेटाइटिस ए टीका: हेपेटाइटिस ए संक्रमण से बचाव करता है।
  • रेबीज टीका: रेबीज से बचाव करता है।
  • फ्लू (इन्फ्लुएंजा) टीका: फ्लू से बचाव करता है।
लाभ (Advantages): 
सुरक्षित, कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों के लिए उपयुक्त।

हानियाँ (Disadvantages): 
नियमित बूस्टर खुराक की आवश्यकता होती है, क्योंकि इनमें लंबे समय तक प्रतिरक्षा नहीं होती।

3. सबयूनिट, रिकॉम्बिनेंट, पॉलीसेकेराइड और कंजुगेट टीके (Subunit, Recombinant, Polysaccharide and Conjugate Vaccines)
ये टीके रोगजनक के विशिष्ट भागों (जैसे प्रोटीन, शर्करा) का उपयोग करते हैं, जो प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को उत्तेजित करते हैं। ये भाग रोगजनक के वे हिस्से होते हैं, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को पहचानने और प्रतिक्रिया देने में मदद करते हैं।

प्रमुख उदाहरण (Major Examples):
  • हेपेटाइटिस बी टीका: हेपेटाइटिस बी संक्रमण से बचाव करता है।
  • ह्यूमन पैपिलोमावायरस (एचपीवी) टीका: एचपीवी संक्रमण से बचाव करता है, जो गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर का कारण बन सकता है।
  • न्यूमोकोकल कंजुगेट टीका (पीसीवी13): निमोनिया, मेनिनजाइटिस और अन्य संक्रमणों से बचाव करता है।
  • मेंनिनजोकॉकल टीका: मेनिनजाइटिस से बचाव करता है।
लाभ (Advantages): 
प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया के लिए विशिष्ट, सुरक्षित।

हानियाँ (Disadvantages): 
कई खुराक की आवश्यकता होती है।

4. टॉक्सॉइड टीके (Toxoid Vaccines)
टॉक्सॉइड टीके उन टॉक्सिनों का उपयोग करते हैं, जो बैक्टीरिया द्वारा उत्पन्न किए जाते हैं। इन टॉक्सिनों को निष्क्रिय कर दिया जाता है, ताकि वे बीमारी न पैदा कर सकें, लेकिन प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को उत्तेजित कर सकें।

प्रमुख उदाहरण (Major Examples):
  • डिप्थीरिया टीका: डिप्थीरिया से बचाव करता है।
  • टेटनस टीका: टेटनस से बचाव करता है।
लाभ (Advantages): 
शरीर को टॉक्सिन से सुरक्षा प्रदान करता है, सुरक्षित।

हानियाँ (Disadvantages): 
बूस्टर खुराक की आवश्यकता होती है।

5. एमआरएनए टीके (mRNA Vaccines)
एमआरएनए टीके नवीनतम प्रौद्योगिकी पर आधारित होते हैं। ये टीके शरीर की कोशिकाओं को निर्देश देते हैं कि वे रोगजनक के प्रोटीन का निर्माण करें, जिससे प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया उत्पन्न होती है।

प्रमुख उदाहरण (Major Examples):
  • कोविड-19 टीका (फाइजर-बायोएनटेक और मॉडर्ना): SARS-CoV-2 वायरस से बचाव करता है।
लाभ (Advantages): 
तेजी से विकास और उत्पादन, प्रभावी।

हानियाँ (Disadvantages): 
नई प्रौद्योगिकी, भंडारण के लिए विशेष परिस्थितियों की आवश्यकता।

6. वायरल वेक्टर टीके (Viral Vector Vaccines)
वायरल वेक्टर टीके एक वायरस का उपयोग करते हैं, जिसे आनुवंशिक रूप से परिवर्तित किया गया है, ताकि वह लक्ष्य वायरस के प्रोटीन का उत्पादन कर सके। यह प्रक्रिया प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया उत्पन्न करती है।

प्रमुख उदाहरण (Major Examples):
  • कोविड-19 टीका (ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका और जानसेन): SARS-CoV-2 वायरस से बचाव करता है।
लाभ (Advantages): 
प्रभावी, एक खुराक में प्रतिरक्षा उत्पन्न करने में सक्षम।

हानियाँ (Disadvantages): 
वायरस वेक्टर के प्रति पूर्व प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया हो सकती है।

7. डीएनए टीके (DNA Vaccines)
डीएनए टीके एक नए प्रकार के टीके हैं, जो रोगजनक के डीएनए का उपयोग करते हैं। यह डीएनए शरीर की कोशिकाओं को प्रोटीन का उत्पादन करने का निर्देश देता है, जिससे प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया उत्पन्न होती है।

प्रमुख उदाहरण (Major Examples):
  • प्लेसबो टीका: वर्तमान में अनुसंधान के चरण में हैं और विभिन्न बीमारियों के लिए परीक्षण किए जा रहे हैं।
लाभ (Advantages): 
सुरक्षित, स्थिर भंडारण।

हानियाँ (Disadvantages): 
मानव उपयोग के लिए सीमित डेटा, अधिक अनुसंधान की आवश्यकता।

टीकाकरण के विभिन्न प्रकार हमें विभिन्न बीमारियों से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। प्रत्येक प्रकार के टीके की अपनी विशेषताएं और लाभ होते हैं, जो विशेष बीमारियों के लिए उपयुक्त होते हैं। टीकाकरण के माध्यम से, हम न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य की सुरक्षा करते हैं, बल्कि समाज में भी बीमारियों के प्रसार को रोकने में मदद करते हैं। इसलिए, यह महत्वपूर्ण है कि हम सभी उपलब्ध टीकों का उपयोग करें और अपने तथा अपने प्रियजनों के स्वास्थ्य की सुरक्षा सुनिश्चित करें।

No comments

Powered by Blogger.