बच्चों के लिए ओट्स के फायदे (Benefits of Oats for Babies)
- कार्बोहाइड्रेट्स: ओट्स में कार्बोहाइड्रेट्स की अच्छी मात्रा होती है, जो शारीर को ऊर्जा प्रदान करते हैं।
- प्रति 100 ग्राम ओट्स में लगभग 66 ग्राम कार्बोहाइड्रेट्स होते हैं।
- प्रोटीन: ओट्स में प्रोटीन की भी अच्छी मात्रा होती है, जो मांस, दूध आदि की तुलना में पारंपरिक प्रोटीन का एक अच्छा स्रोत है।
- ओट्स में प्रति 100 ग्राम लगभग 17 ग्राम प्रोटीन होता है।
- फाइबर: ओट्स में फाइबर की भरपूर मात्रा होती है, जो पाचन को सुधारती है और कब्ज को दूर करती है।
- ओट्स में प्रति 100 ग्राम लगभग 10 ग्राम फाइबर होती है।
- विटामिन्स और मिनरल्स: ओट्स में विटामिन्स और मिनरल्स की समृद्धि होती है, जैसे कि विटामिन B, फोलेट, आयरन, मैग्नीशियम, और जिंक आदि।
- प्रति 100 ग्राम ओट्स में लगभग 56 माइक्रोग्राम फोलेट होता है।
- प्रति 100 ग्राम ओट्स में लगभग 4.7 मिलीग्राम आयरन होता है।
- प्रति 100 ग्राम ओट्स में लगभग 177 मिलीग्राम मैग्नीशियम होता है।
- प्रति 100 ग्राम ओट्स में लगभग 3.97 मिलीग्राम जिंक होता है।
- आंतरिक तेल: ओट्स में भी थोड़ी मात्रा में आंतरिक तेल होता है, जो शारीर को स्वस्थ रखने में मदद करता है।
- प्रति 100 ग्राम ओट्स में लगभग 6.52 ग्राम आंतरिक तेल होता है।
- ओट्स में पोषणशील धान्य होता है जो शिशुओं को ऊर्जा प्रदान करता है।
- इसमें फाइबर, प्रोटीन, और कई पोषक तत्व होते हैं जो स्वास्थ्य के लिए आवश्यक होते हैं।
- ओट्स का सेवन करने से शिशु का स्वास्थ्य और विकास सुधारता है।
- ओट्स में फाइबर की मात्रा अधिक होती है जो पाचन को सुधारता है और कब्ज को दूर करता है।
- शिशु के पाचन को सुधारने में मदद करता है और उसके अंदरीय तंत्र को स्वस्थ रखता है।
- ओट्स में विटामिन्स और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो इम्यूनिटी को बढ़ाते हैं और बच्चे को बीमारियों से लड़ने में मदद करते हैं।
- ओट्स में कैल्शियम, मैग्नीशियम, और फाइबर होते हैं जो हड्डियों के स्वास्थ्य को सुधारते हैं।
- शिशु के हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता है और उनकी विकास दर में सुधार करता है।
- ओट्स में विटामिन्स और मिनरल्स होते हैं जो बच्चे के ब्रेन डेवलपमेंट के लिए लाभकारी होते हैं।
- यह उनकी सोचने और समझने की क्षमता को बढ़ाता है और उनके ब्रेन को स्वस्थ रखता है।
- ओट्स में कार्बोहाइड्रेट्स होते हैं जो बच्चों को ऊर्जा प्रदान करते हैं और उनकी शारीरिक गतिविधियों को संचालित रखते हैं।
- ओट्स में फाइबर की मात्रा होती है जो अपच को रोकती है और पाचन को सुधारती है।
- ओट्स में विटामिन्स और मिनरल्स होते हैं जो दिल के स्वास्थ्य को सुधारते हैं।
- इसका नियमित सेवन करने से बच्चों की दिल की सेहत में सुधार होती है।
- ओट्स में फॉलिक एसिड होता है जो गर्भवती महिलाओं के लिए लाभकारी होता है।
- इसका सेवन करने से गर्भवती महिलाओं की सेहत और शिशु का विकास अच्छे से होता है।
- ओट्स में आयरन होता है जो खून की संरचना में मदद करता है।
- यह बच्चों के शारीरिक विकास के लिए आवश्यक है और खून की कमी को दूर करता है।
- ओट्स में फाइबर की मात्रा होती है जो इंसुलिन के स्तर को नियंत्रित करती है और डायबिटीज को प्रबंधित रखती है।
- ओट्स में मौजूद पोषक तत्व बच्चों के विकास और ग्रोथ में मदद करते हैं।
- यह उनकी हार्मोनल और शारीरिक संरचना को सही रखता है।
- ओट्स में बहुत कम मात्रा में तेल होता है, जो बच्चों की सीने की सेहत के लिए लाभकारी होता है।
- यह बच्चों के दिल को स्वस्थ और मजबूत रखने में मदद करता है।
- ओट्स में मौजूद मेलेटोनिन नामक हार्मोन है, जो बच्चों को अच्छे से सोने में मदद करता है।
- यह उनकी नींद की गुणवत्ता को बढ़ाता है और उन्हें शांति से सोने में मदद करता है।
- पहले ओट्स को धोकर अच्छे से साफ करें।
- उबालते हुए पानी में ओट्स को डालें और पकाएं, या फिर उबले हुए पानी में सीधे ओट्स को भिगोकर रखें।
- पकाने के बाद ओट्स को अच्छे से छानकर पानी निकाल दें।
- अब इसे विभिन्न तरीकों से परोसें, जैसे कि मिल्क के साथ, या फिर योगर्ट के साथ, या फिर ताजा फलों के साथ।
शिशु को किस उम्र में ओट्स दें?
- अच्छे से पकाएं: ओट्स को अच्छे से पकाकर खिलाएं, ताकि बच्चे को पाचन करने में कोई परेशानी न हो।
- साबुत ओट्स चुनें: बच्चे को साबुत ओट्स की जगह विभिन्न रूपों के प्रोसेस्ड ओट्स दें।
- बारीकी से पीसें: ओट्स को बारीकी से पीसकर या ग्राइंड करके दें, ताकि छोटे बच्चों को खाने में आसानी हो।
- स्वादिष्ट बनाएं: ओट्स को स्वादिष्ट बनाने के लिए उन्हें मिल्क या फलों के साथ मिला कर परोसें।
- उचित मात्रा में खिलाएं: बच्चे को ओट्स की उचित मात्रा में खिलाएं, अधिकता में खिलाने से पाचन समस्याएँ हो सकती हैं।
- रॉ स्टाइल में न खिलाएं: बच्चे को कभी भी रॉ ओट्स या अनपके ओट्स न खिलाएं, यह पाचन को अधिक कठिन बना सकता है।
- ज्यादा चीनी या नमक न डालें: बच्चों को ज्यादा चीनी या नमक वाले ओट्स न दें, यह सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है।
- चोकिंग हजारी: बच्चों को पूरी तरह से पीसे हुए ओट्स दें, ताकि खाने के दौरान चोकिंग का खतरा कम हो।
- ओट्स अलर्जी संदेहित: अगर आपके बच्चे को किसी ओट्स की अलर्जी का संदेह है, तो उन्हें डॉक्टर की सलाह से ही ओट्स दें।
- अधिक मात्रा में न दें: बच्चों को अधिक मात्रा में ओट्स न दें, यह उनकी सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है।

Post a Comment