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हेपेटाईटिस के बारे में वो सब कुछ आपका जानना जरुरी है (All About Hepatitis)

#All About Hepatitis

हेपेटाइटिस क्या होता है? (What is Hepatitis?)
हेपेटाइटिस एक ऐसी अवस्था है जिसमें लीवर (यकृत) में सूजन आ जाती है। यह सूजन वायरस, शराब, ड्रग्स, या अन्य चिकित्सा स्थितियों के कारण हो सकती है। बच्चों में, हेपेटाइटिस सबसे अधिक वायरल संक्रमण के कारण होता है। वायरस के कारण होने वाले हेपेटाइटिस को वायरल हेपेटाइटिस कहते हैं।
हेपेटाइटिस के प्रकार (Types of Hepatitis)
हेपेटाइटिस कई प्रकार के हो सकते हैं, जिनमें से प्रमुख प्रकार निम्नलिखित हैं:
  • हेपेटाइटिस ए (Hepatitis A): यह वायरस संक्रमित भोजन या पानी के सेवन से फैलता है। यह तीव्र (acute) होता है और आमतौर पर लम्बे समय तक नहीं रहता।
  • हेपेटाइटिस बी (Hepatitis B): यह खून, वीर्य, या अन्य शारीरिक द्रव्यों के संपर्क से फैलता है। यह तीव्र (acute) और दीर्घकालिक (chronic) दोनों हो सकता है।
  • हेपेटाइटिस सी (Hepatitis C): यह संक्रमित खून के संपर्क से फैलता है। यह अक्सर दीर्घकालिक होता है और लीवर की गंभीर समस्याएं उत्पन्न कर सकता है।
  • हेपेटाइटिस डी (Hepatitis D): यह केवल हेपेटाइटिस बी के साथ ही होता है और खून के संपर्क से फैलता है।
  • हेपेटाइटिस ई (Hepatitis E): यह संक्रमित पानी के सेवन से फैलता है और आमतौर पर तीव्र होता है।

हेपेटाइटिस बी के प्रकार (Types of Hepatitis B)
हेपेटाइटिस बी संक्रमण को तीव्र और दीर्घकालिक प्रकारों में विभाजित किया जा सकता है:
  • तीव्र हेपेटाइटिस बी (Acute Hepatitis B): यह वह स्थिति है जब वायरस का संक्रमण अचानक और हाल ही में होता है। अधिकांश लोगों में, विशेष रूप से बच्चों में, यह संक्रमण बिना किसी उपचार के अपने आप ठीक हो सकता है। हालांकि, यह संक्रमण कई हफ्तों से लेकर महीनों तक रह सकता है।
  • दीर्घकालिक हेपेटाइटिस बी (Chronic Hepatitis B): जब वायरस का संक्रमण 6 महीने से अधिक समय तक बना रहता है, तो इसे दीर्घकालिक या क्रॉनिक कहा जाता है। क्रॉनिक हेपेटाइटिस बी गंभीर लीवर समस्याओं जैसे कि सिरोसिस (लीवर की कठोरता) और लीवर कैंसर का कारण बन सकता है।

हेपेटाइटिस बी कैसे फैलता है? (Sources of Hepatitis B Infection)
हेपेटाइटिस बी (Hepatitis B) एक वायरस के कारण होता है और यह संक्रमित व्यक्ति के खून, वीर्य (Semen), और अन्य शारीरिक द्रव्यों के संपर्क में आने से फैलता है। यह निम्नलिखित तरीकों से फैल सकता है:
  • जन्म के समय (At the Time of Birth): जब एक संक्रमित मां अपने बच्चे को जन्म देती है, तो वायरस बच्चे में स्थानांतरित हो सकता है। यह संक्रमण के सबसे सामान्य तरीकों में से एक है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां हेपेटाइटिस बी का प्रचलन अधिक होता है।
  • संक्रमित खून का संपर्क (Contact with Infected Blood): खून के सीधे संपर्क में आने पर, जैसे कि संक्रमित सुइयों का उपयोग (उदाहरण के लिए, टीकाकरण या अन्य चिकित्सा प्रक्रियाओं में) या रक्ताधान (blood transfusion) के माध्यम से।
  • संक्रमित वस्त्र और उपकरण (Contaminated Clothing and Equipment): संक्रमित व्यक्ति के व्यक्तिगत उपयोग की वस्तुओं का उपयोग करने से, जैसे कि रेज़र, टूथब्रश या अन्य उपकरण जो रक्त के संपर्क में आए हों।
  • यौन संपर्क (Sexual Contact): हालांकि यह तरीका बच्चों में कम सामान्य है, लेकिन संक्रमित माता-पिता से बच्चे को वायरस स्थानांतरित हो सकता है यदि सावधानी न बरती जाए।

हेपेटाइटिस के लक्षण (Symptoms of Hepatitis)
बच्चों में हेपेटाइटिस बी के लक्षण अक्सर बहुत हल्के हो सकते हैं या पूरी तरह से अनुपस्थित हो सकते हैं। लेकिन जब लक्षण प्रकट होते हैं, तो वे निम्नलिखित हो सकते हैं:
  • थकान और कमजोरी (Fatigue and Weakness): बच्चे अक्सर थके हुए या कमजोर महसूस कर सकते हैं।
  • बुखार (Fever): हल्के से लेकर उच्च बुखार तक हो सकता है।
  • मतली और उल्टी (Nausea and Vomiting): बच्चे को मतली हो सकती है और वह उल्टी कर सकता है।
  • भूख में कमी (Loss of Appetite): खाने की इच्छा में कमी आ सकती है।
  • पेट में दर्द (Stomach Ache): विशेष रूप से ऊपरी दाएं हिस्से में जहां लीवर स्थित होता है।
  • पीलिया (Jaundice): त्वचा और आंखों का पीला हो जाना, जो लीवर की खराबी का संकेत है।
  • गहरा मूत्र (Dark Urine): मूत्र का रंग गहरा हो सकता है।
  • फेकल रंग का हल्का होना (Light Stool Color): मल का रंग हल्का या सफेद हो सकता है।
  • मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द (Muscle and Joint Pain): कुछ मामलों में बच्चों को मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द हो सकता है।
  • स्किन रैशेज (Skin Rashes): कुछ मामलों में त्वचा पर चकत्ते।

हेपेटाइटिस बी के निदान और परीक्षण (Hepatitis B Diagnosis and Testing)
हेपेटाइटिस बी का निदान खून के परीक्षण के माध्यम से किया जाता है। निम्नलिखित परीक्षण किए जा सकते हैं:
  • हेपेटाइटिस बी सतह एंटीजन (HBsAg): यह परीक्षण बताता है कि क्या बच्चा वर्तमान में हेपेटाइटिस बी से संक्रमित है।
  • हेपेटाइटिस बी सतह एंटीबॉडी (anti-HBs): यह परीक्षण यह बताता है कि क्या बच्चा वायरस के खिलाफ प्रतिरक्षा विकसित कर चुका है, चाहे टीकाकरण के माध्यम से या पिछले संक्रमण के बाद।
  • हेपेटाइटिस बी कोर एंटीबॉडी (anti-HBc): यह परीक्षण पिछले संक्रमण के साक्ष्य प्रदान कर सकता है।
  • हेपेटाइटिस बी ई एंटीजन (HBeAg): यह परीक्षण सक्रिय वायरल प्रतिकृति और संक्रमण की संक्रामकता का संकेत दे सकता है।
  • हेपेटाइटिस बी डीएनए (HBV DNA): यह परीक्षण वायरल लोड को मापता है, जो यह बताता है कि वायरस कितनी मात्रा में मौजूद है।

बच्चों में हेपेटाइटिस बी का उपचार (Treatment of Hepatitis B in Children)
हेपेटाइटिस बी का उपचार संक्रमण की गंभीरता और प्रकार (तीव्र या दीर्घकालिक) पर निर्भर करता है:
  • तीव्र हेपेटाइटिस बी (Acute Hepatitis B): तीव्र संक्रमण आमतौर पर विशेष उपचार की आवश्यकता नहीं होती। डॉक्टर लक्षणों का प्रबंधन करने और बच्चे को आराम और हाइड्रेशन बनाए रखने की सलाह देते हैं।
  • दीर्घकालिक हेपेटाइटिस बी (Chronic Hepatitis B): क्रॉनिक हेपेटाइटिस बी के मामलों में, एंटीवायरल दवाएं लीवर को क्षति से बचाने और वायरस की प्रतिकृति को कम करने में मदद कर सकती हैं। लंबे समय तक चिकित्सा देखभाल और नियमित निगरानी आवश्यक होती है।

बच्चों को हेपेटाइटिस का टीका कब-कब लगवाना चाहिए? (When Should Children Get Hepatitis Vaccine?
भारत में बच्चों के लिए हेपेटाइटिस बी का टीकाकरण निम्नलिखित समय पर किया जाता है:
  • जन्म के समय: पहले 24 घंटे के अंदर।
  • 6 सप्ताह: डीपीटी, हिब और पोलियो के साथ।
  • 10 सप्ताह: डीपीटी, हिब और पोलियो के साथ।
  • 14 सप्ताह: डीपीटी, हिब और पोलियो के साथ।
  • 6 महीने: बूस्टर डोज।

हेपेटाइटिस ए का टीकाकरण (Hepatitis A Vaccination)
हेपेटाइटिस ए भी एक महत्वपूर्ण टीका है जो बच्चों को हेपेटाइटिस ए वायरस से बचाने में मदद करता है। यह वायरस संक्रमित भोजन या पानी के माध्यम से फैलता है और आमतौर पर तीव्र होता है। हेपेटाइटिस ए का टीकाकरण कार्यक्रम निम्नलिखित है:
  • 12 महीने: पहली खुराक।
  • 16-18 महीने: दूसरी खुराक।

हेपेटाइटिस के टीके के लाभ (Benefits of Hepatitis Vaccine)
  • लीवर संक्रमण से बचाव (Prevention of Liver Infection): हेपेटाइटिस ए वायरस से बचाता है, जो लीवर की तीव्र सूजन का कारण बन सकता है।
  • लीवर कैंसर से बचाव (Prevention of Liver Cancer): हेपेटाइटिस बी दीर्घकालिक संक्रमण लीवर कैंसर का कारण बन सकता है, और टीका इस खतरे को कम करता है।
  • बीमारी के प्रसार को रोकना (Prevent the Spread of Disease): टीका लगाने से वायरस के फैलने की संभावना कम हो जाती है, जिससे समाज में संक्रमण कम होता है।
  • नवजात शिशुओं की सुरक्षा (Safety of Newborn Babies): जन्म के समय टीका लगाने से नवजात शिशुओं को प्रारंभिक संक्रमण से बचाया जा सकता है।
  • दीर्घकालिक सुरक्षा (Long Term Protection): बच्चों को टीकाकरण के द्वारा जीवनभर की सुरक्षा प्रदान की जा सकती है।
हेपेटाइटिस बी और अन्य प्रकार के हेपेटाइटिस बच्चों के लिए गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न कर सकते हैं। टीकाकरण बच्चों को इन खतरनाक बीमारियों से बचाने का एक महत्वपूर्ण साधन है। नियमित टीकाकरण और उचित चिकित्सा देखभाल से बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है।

बच्चों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए, माता-पिता को हेपेटाइटिस के टीकाकरण के कार्यक्रम का पालन करना चाहिए और बच्चों को समय पर सभी आवश्यक टीके लगवाने चाहिए। इस प्रकार, हम एक स्वस्थ और सुरक्षित समाज का निर्माण कर सकते हैं।

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